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Islamic jankari

Friday, 22 February 2019

Allah||Allah ke |zikar| ki Fazilat

अल्लाह के जिक्र की फजीलत

Allah||Allah ke |zikar| ki Fazilat
Allah||Allah ke |zikar| ki Fazilat

अस्सलाम वालेकुम व रहमतुल्लाही व बरकात हूं आज सारी दुनिया में एक बेचैनी पाई जा रही है कोई मुल्क कोई शहर और कोई गांव बल्कि कोई घर ऐसा नहीं जहां बदली और बेचैनी ना पाए जाते हो आज हर शख्स बेचैनी का शिकार नजर आ रहा है!

अफसोस कि हम नादान इंसान कुछ समझ नहीं पा रहे और अपना वक्त शराब की महफिलों सिनेमाघरों की गलियों ड्रामा मोबाइल्स नाइट क्लब्स और जिंसी वरमानी किताबों में अपना सुकून तलाशते हैं पर हमें सुकून नहीं मिलता!

 आखिर सुकून है कहां

Allah||Allah ke |zikar| ki Fazilat
Allah||Allah ke |zikar| ki Fazilat


सुकून की तलाश में हम हर जगह भटकते फिरते हैं पर हमें सुकून हासिल नहीं हो पाता आइए कुरान से सवाल करते हैं अल्लाह के सच्चे और पाकीजा कलाम तू ही हमारी रहनुमाई फरमाइए हमेशा शर्मा के सुकून कहां मिलता है और जब हम कुरान की खिदमत में हाजिर होकर सवाल करते हैं तो हमें जवाब मिलता है


गोया यह बेचैनियां यह परेशानियां सिर्फ अल्लाह के जिक्र से दूरी की वजह से हैं जितना हम अल्लाह के जिक्र से दूर हो रहे हैं उतना ही हम परेशानियों के नजदीक हो रहे हैं हमें अपने ऊपर और और फिक्र करना चाहिए कि हम क्या कर रहे हैं हम अपना सुकून कहां किस जगह तलाश रहे हैं!

यह दुनिया शिवाय परेशानी और बेचैनी के हमें कुछ नहीं दे सकती हर इंसान को अपनी अपनी पड़ी है जब अपना दिल दुखता है तो तकलीफ होती है दूसरे की दर्द की तकलीफ किसी को समझ में नहीं आती इसलिए जो भी बुरा होगा अच्छा होगा हमारे साथ होगा और हमारे लिए होगा!






 इसलिए हमें अपने बारे में खुद ही सोचना होगा और जब आप अपने बारे में सोचेंगे तो जवाब आएगा कि जिकरुल्लाह करो यानी अल्लाह का जिक्र करो जिक्र कैसे भी हो सकता है नमाज तो फर्ज है ही उसके अलावा भी किसी को अच्छी बातें सिखाने भी जिक्र है सुभान अल्लाह कह देना भी जिक्र है अस्तगफिरुल्लाह कहना भी zikar रहे!

हर चीज तस्वीर करती है

Allah||Allah ke |zikar| ki Fazilat
Allah||Allah ke |zikar| ki Fazilat


याद रखिए कि इंसान ही नहीं बल्कि दुनिया की हर चीज अल्लाह तबारक व ताला की तस भी करती है


 हजरत साद रूल फाजिल मौलाना नईमुद्दीन मुरादाबादी रहमतुल्लाहि अलैह अपनी तफसीर Khazainul Irfan me farmate hai!

हजरत इब्ने बास रजि अल्लाह ताला अनु ने फरमाया हर जिंदा चीज अल्लाह की तस्बीर करती है और हर चीज की तस्वीर उसके हस्बे हैसियत है दरवाजा खोलने की आवाज और छत का चटकना यह भी तभी करता है और उनकी तस्वीर सुभान अल्लाह ई व बीहमदिही हैं!

हजरत इब्ने मसूद रजि अल्लाह ताला अनु सेमन कूल है कि हमने ताजदार ए मदीना सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम की अंकुश ता ए मुबारिका से पानी के चश्मे जारी होते देखे और यह भी देखा कि खाते वक्त मैं खाना तस्वी करता था बुखारी शरीफ

गाफिल मछलियां और दाना बच्ची


Allah||Allah ke |zikar| ki Fazilat
Allah||Allah ke |zikar| ki Fazilat

 एक बुजुर्ग रहमतुल्लाहि ताला के हालात में लिखा है कि आप मछलियां पकड़ रहे थे और आपके साथ आपकी छोटी लड़की भी बैठी थी आप जो भी मछली पकड़ते हैं वह अपनी लड़की को देते जाते और वह लड़की अपने वाली से मछलियां ले लेकर फिर दरिया में डाल दी जाती हजरत जब फारिग होकर उठे तो लड़की से फरमाया बेटी मछलियां कहां है तो वह बोली अब्बा जान मैंने तो उन सबको फिर दरिया में डाल दिया!

हजरत रहमतुल्लाहि ताला अली ने फरमाया तुमने यह क्या किया सारी मेहनत बर्बाद कर दी तो वह बोली कि आप ही ने तो बताया था कि मछली जिकरुल्लाह से गाफिल हो जाती है वहीं जाल में फंस जाती है!

तो आप रहमतुल्लाहि ताला ले जिस मछली को पकड़ते थे मैं समझ लेती थी कि यह मछली जिकरुल्लाह से गाफिल है जभी तो पकड़ी गई है इसलिए मैंने इस साल से की गाफिल मछलियां खाकर उनकी सोबत से कहीं हम भी जिकरुल्लाह से गाफिल ना हो जाए लिहाजा मैंने वह सारी मछलियां फिर दरिया में डाल दी!

सुभान अल्लाह क्या प्यारी बच्ची है अल्लाह ऐसा अमल करने वाला हमें भी बनाए और इसी तरीके से दुनिया में जीने की तौफीक अता फरमा आमीन या रब्बुल आलमीन!

हर नेक काम से कब हम दो दुरूद से बरकत हैं


सरकारे मदीना सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम ने इरशाद फरमाया जिसने काम करने से पहले अल्लाह की हम्द और मुझ पर दुरूद ना पढ़ा गया उस में बरकत नहीं होती!

(Tabrani Muajjam Sageer)

जिक्र तीन तरह का होता है

1--  जिक्र bill  लिसन

2-- ज़िक्र विल  कलb

3-- zikra bill aware


1--  zikra बिल लिसान यानी जुबान से जिक्र करना से मुराद अल्लाह की तस्वीर तकदीर सना वगैरह बयान करना होत बा तौबा अस्तगफार दुआ वगैरह भी इस में दाखिल है


2--  zikra bill  qalb अल्लाह की नेमत ओं का तेरा करना या उन नेमतों को याद करना उस की अजमत ों किबरिया और उसके इलाही ले कुदरत में गौर करना उलमा का स्त्री बातें मसाइल कुरान हदीस से मसाइल खुश करना मैं गौर करना भी इस में दाखिल है!


3-- zikra bill जवारे इस ज़िक्र का मतलब यह भी है कि अल्लाह की अजमत ों जलाल में और करें इसकी झबरू तो मलकू त्यानी अजमत ों सल्तनत में मेंहदी फिक्र हो और जमीन आसमान में अल्लाह ने अपनी रातों सिफात पर जो निशानियां कायम की है!


उन निशानों को तराश करें तलाश करें और उस निशान पर पहुंचकर साहिबे निशान यानी अल्लाह को याद करें मसलन दरिंदों की चीरा दस्तान ई मोहब्बत को देखकर अल्लाह के करो गजब को याद करें अनुवाद पर मां की शपथ को देखकर अल्लाह की रहमत को याद करें और बुलंद वाला पहाड़ों को देखकर अल्लाह की अजमत ों हैबत को याद करें वसीय मोहित आसमानों की पहनाई को देखकर की अजमत को याद करें

(Zikar bill jahar)


रात भर फरिश्ते हिफाजत करता है

जब आदमी सोने के लिए अपने बिस्तर पर जाता है तो फौरन फरिश्ता और शैतान उसके पास आते हैं फरिश्ता कहता है आप अमल भलाई पर खत्म करो शैतान कहता है बुराई पर खत्म करो फिर अगर वह जिकरुल्लाह यानी अल्लाह का जिक्र करके सो जाता है तो फरिश्ता रात भर उसकी हिफाजत करता है अगर चारपाई से गिरकर मर गया तो जन्नत में दाखिल होगा अल्लाह कुरान ए मजीद में इरशाद शर्म आता है!

Allah||Allah ke |zikar| ki Fazilat
Allah||Allah ke |zikar| ki Fazilat


अल्लाह भी जाकिर का जिक्र करता है

हजरत अबू हुरैरा अल्लाह ताला अनहो से  मारवी  है कि सरकारी मदीना सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम ने फरमाया अल्लाह तबारक व ताला इरशाद फरमाते है मेरे मुतालिक मेरा बंदा जो गुमान रखता है मैं उसके लिए ऐसा ही होता हूं और मैं उसके साथ होता हूं जब वह मुझे याद करता है!

अगर वह मुझे जी में याद करता है तो मैं उसको अपने जी मैं याद करता हूं अगर वह मुझे किसी जमात में याद करें तो मैं उसे ऐसी जमात में याद करता हूं जिसे इसने बेहतर है यानी फरिश्तों की जमात सुभान अल्लाह जिस खुशनसीब को याद करें और वह भी बेहतर जमात यानी फरिश्तों के ग्रुप में यकीनन उसके लिए दुनिया आखिर दोनों ही संवर जाएंगे!

30 साल तक किसी ने खाते पीते नहीं देखा

 हजरत आबू  हम्मद अस्वत रहमतुल्लाहि ताला अलैहि ने 30 साल तक मस्जिदे हराम में वक्त गुजारा उनको किसी ने खाते पीते नहीं देखा और उनकी कोई घड़ी जिकरुल्लाह यानी अल्लाह के जिक्र से खाली ना होती थी!

सुभान अल्लाह

जिकरुल्लाह के लिए कोई मकसूद वक्त या जगह नहीं

हसन बसरी रहमतुल्लाहि ताला ने फरमाया है कि अल्लाह ने  अपने कॉल  faa zikuni azkiru mum( तर्जुमा कंजुल ईमान तो तुम मेरी याद करो मैं तुम्हारा चर्चा करूंगा)
से हम पर आसानी कर दी की जिकरुल्लाह के लिए कोई जगह मकसूद नहीं पर माई अगर अल्लाह हमारे लिए बिक्री के लिए कोई जगह मकसूद फरमा देता तो हमें वहां जाना वाजिब हो जाता ख्वाब वह मकान एक सदी की मुसाफत पर क्यों ना होता जैसा की हज के लिए लोगों को काबा में बुलाया है बस उसका शुक्र और एहसान है 

हमारे बुजुर्गों को जिकरुल्लाह से गायक दर्जा महत्व मोहब्बत हुआ करती थी लिहाजा

अल्लाह अल्लाह अल्लाह ही करने वाले की सोहबत में बैठे
हजरत ए सैयद इब्राहिम बिन अदहm Rahmatullahi Tala ki Majlis mein jo shaks batana Chahta aap Rahmatullahi Tala usse shirt Karle the ki wo Allah Tala ke Likh Dega flat na Karega


जुनैद बगदादी और नाई

- हजरत जुनैद बगदादी रहमतुल्लाहि ताला अलेही की जवान हर वक्त जिकरुल्लाह से तर रहती थी एक मर्तबा आप रहमतुल्लाहि ताला अलैहे नाई के पास खत बनवा रहे थे जब मुझे तराशने का मौका आया नाई ने  अर्ज की आलीजा बराय मेहरबानी कुछ देर के लिए जिक्र  करने से रुक जाइए ताकि मैं  मूछे तराश सुकून वरना होंठ कट जाने का अंदेशा है इरशाद फरमाया आप अपना काम जारी रखें हॉट करते हैं तो कट जाएं लेकिन मैं जिकरुल्लाह बंद नहीं कर सकता सुभान अल्लाह क्या शान है मेरे जुनैद बगदादी की!


और एक हम हैं अगर थोड़ा सा जिक्र कर ले तो समझते हैं पता नहीं हमने कितना जिकरुल्लाह कर लिया है अस्तक  फिर रुला


इस वक्त में हम कितना भटक चुके हैं जुनैद बगदादी की क्या शान है वह भी अल्लाह के बंदे हैं जो अपना मुंह कट जाए होंठ कट जाए परवाह नहीं करते और अपना जिक्र करना बंद नहीं करते या अल्लाह हमें भी उनकी नकल करने वाला बना उन जैसा नहीं तो उनके गुलामों जैसा बना हमें भी जिक्र करने वाला बना अल्लाह हमारी जो गलतियां माफ फरमा आमीन या रब्बुल आलमीन


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