Sunday, 10 March 2019

Meaning of Allahu akbar ||meaning of Azan in hindi

Meaning of Allahu akbar ||meaning of Azan in hindi
Meaning of Allahu akbar ||meaning of Azan in hindi

   

आज़ान का मतलब  और अर्थ

अज़ान उर्दू: أَذَان) या अदान।अल्लाह तबारक व ताला के घर में बुलाने का या पुकारने का एक तरीका है अजान होने पर सभी लोग समझ जाते हैं कि अब नमाज का वक्त हो गया है और नमाज पढ़ने के लिए हमें मस्जिद में जाना होगा(उर्दू: أَذَان) या अदान। इस्लाम में मुस्लिम समुदाय अपने दिन भर की पांचों नमाज़ों के लिए बुलाने के लिए ऊँचे स्वर में जो शब्द कहे जाते हैं, उन्हें अज़ान कहते हैं।


दिन में पांच बार मस्जिदों के लाउडीस्पीकर में दिया जाने वाला अज़ान
अज़ान इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक है , हर मुस्लिम के लिए नमाज़ पढना जरुरी है।

"नारे के रूप में इसे "नारा ए तकबीर" भी कहा जाता है।


"नारा ए तकबीर" अल्लाह हू अकबर 


अजान देने वाले को 'मुअज्जिन' कहते हैं। मुअज्जिन नियमित रूप से दिन में पाँच वक्त अजान देता है और (दिनचर्या में व्यस्त अपने कामों में लगे हुए लोगो को भले काम के लिए बुलाता है। अजान देने वाला व्यक्ति वुजू करके पाक होकर अजान देता है ताकि सीना ठीक से फैल जाए और अजान के शब्द साफ (शुद्ध )रूप से निकले।

अज़ान सूना कर लोगों को मस्जिद की तरफ़ बुलाने वाले को मुअज्ज़िन कहते हैं।

Meaning of Allahu akbar ||meaning of Azan in hindi


आज़ान का मतलब


अल्लाहु अकबर, अल्लाहु अकबर #
अल्लाहु अकबर, अल्लाहु अकबर#

अल्लाह सब से बढ़ा है


अश-हदू अल्ला-इलाहा इल्लल्लाह
अश-हदू अल्ला-इलाहा इल्लल्लाह


मैं गवाही देता हूं कि अल्लाह के सिवा कोई दूसरा इबादत के काबिल नहीं


अश-हदू अन्ना मुहम्मदर रसूलुल्लाह
अश-हदू अन्ना मुहम्मदर रसूलुल्लाह


मैं गवाही देता हूं कि मुहम्मद सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम अल्लाह के आखरी पैगम्बर/रसूल हैं


ह्या 'अलास्सलाह, ह्या 'अलास्सलाह


आओ नमाज़ की तरफ


हया 'अलल फलाह, हया 'अलल फलाह


आओ कामयाबी (सफलता )की तरफ


अस्‍सलातु खैरूं मिनन नउम
अस्‍सलातु खैरूं मिनन नउम


नींद से बेहतर नमाज़ है


अल्लाहु अकबर, अल्लाहु अकबर


अल्लाह सब से बढ़ा (महान) है


ला-इलाहा इल्लल्लाह


अल्लाह के सिवा कोई इबादत के लायक नहीं !

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मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम के जमाने में जब मदीना तैयबा मैं नमाज़ बाजमात अदा करने के लिए मस्जिद बनाई गई तो जरूरत महसूस हुई कि लोगों को जमात (इकटठे नमाज पढने) का वक्त( समय )करीब होने
की सूचना देने का कोई तरीका तय किया जाए। रसूलुल्‍लाह अल्लाह ताला अलेही वसल्लम ने जब इस बारे में अपने साथियों यानी  इकराम (मुहम्मद साहिब के अनुयायी) से परामर्श किया तो इस बारे में चार प्रस्ताव सामने आए!


1_प्रार्थना के समय कोई झंडा बुलंद किया।

2_किसी उच्च स्थान पर आग जला दी जाए।

3_यहूदियों की तरह बिगुल बजाया जाए।

4_ईसाइयों की तरह घंटियाँ बजाई जाए।


उपरोक्त सभी प्रस्ताव मोहम्मद सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम को गैर मुस्लिमों से मिलते जुलते होने के कारण पसंद नहीं आए। इस समस्या में मोहम्मद सल्लल्लाहो ताला वसल्लम और सहाबा इकराम फिकर मंद (चिंतित )थे कि उसी रात एक अंसारी सहाबी हज़रत अब्दुल्लाह बिन ज़ैद ने ख्वाब (स्वप्न )में देखा कि किसी ने उन्हें अज़ान और इक़ामत के शब्द सिखाए हैं। उन्होंने सुबह सवेरे मोहम्मद सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम के पास जाकर अपने ख्वाब के बारे में मोहम्मद सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम को बताया Muhammad Sallallahu Tala Al Salem उनकी बात से बहुत खुश हुए और उनका ख्वाब को अल्लाह ताला के तरफ से भेजा हुआ पैगम यानी (संदेश )बताया

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मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम ने हज़रत अब्दुल्लाह बिन ज़ैद से कहा कि तुम हज़रत बिलाल को अज़ान इन शब्‍दों में पढने की हिदायत कर दो, उनकी आवाज़ बुलंद है इसलिए वह हर नमाज़ के लिए इसी तरह अज़ान दिया करेंगे। इसलिए उसी दिन से आज़ान देने की शुरुआत (प्रणाली स्थापित )हुई और इस तरह हज़रत बिलाल रज़ियल्लाहु अन्हु इस्लाम के पहले अज़ान देने वाले के रूप में प्रसिद्ध हुए।

Meaning of Allahu Akbar 

Meaning of Allahu akbar ||meaning of Azan in hindi
Meaning of Allahu akbar ||meaning of Azan in hindi



अल्लाहु अकबर

अल्लाह सब से बढ़ा है

Allah is the Greatest of all


नमाज पांच वक्त पढ़ी जाती है


1_फज्र की नमाज़

2_जोहर की नमाज

3_असर की नमाज

4_मगरिब की नमाज

5_ईशा की  नमाज

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फज्र की नमाज़ सूरज निकलने से पहले जोहर की नमाज दोपहर के वक्त असर की नमाज़ शाम के वक्त मगरिब की नमाज सूरज डूबने के बाद और ईशा की नमाज सूरज डूबने के 2 घंटे बाद अदा की जाती है यह पांचों नमो से हर मुसलमान औरत और मर्द पर फर्ज है इसको छोड़ना गुनाह है किसी भी हाल में नमाज़ छोड़ने की माफी नहीं है चाहे आप कितने भी बीमार हूं किसी भी हाल में हो आपको नमाज अदा करने का हक दिया गया है यहां तक कि अगर आप समंदर में डूब रहे हो और आपकी गर्दन नजर आ रही हो तो भी आप को इशारों से नमाज अदा करना होगी नमाज का वक्त हो गया हो तो मुसलमान तभी मुकम्मल होता है जब मुसलमान नमाज पढ़ता है!


मुसलमान के ऊपर पांच अरकान फर्ज है जिसमें नमाज तौहीद यानी कलीमा पढ़ने के बाद सबसे पहले आती है वह


1_ तौहीद

2_ नमाज

3_रोजा

4_ जकात


5_ हज

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आज़ान हजारों साल से हिंदुस्तान में ही नहीं बल्कि सारी दुनिया में गूंज रहे हैं और इंशा अल्लाह कयामत तक गूंजती रहेंगे दुनिया में हर मिनट म आज़ान होती है कई फूल ऐसे हैं जो अजान की आवाज बुलंद होने पर खिलते है टीवी पर भी इस रिपोर्ट को दिखाया गया है!


 न्यूज़ चैनल पर यह साइंस में भी मान लिया है कि अजान की आवाज से लोगों को दिमाग और दिल को सुकून मिलता है जानिए कैसी आवाज में जो सारी दुनिया में हर मिनट गूंजने वाली आवाज है कोई ऐसी चीज नहीं जो अजान का मुकाबला कर सके !आसान नमाज के लिए बुलाने का एक तरीका है जिसके जरिए तमाम दुनिया के मुसलमानों को मस्जिद में बुलावा देते हैं कि आओ नमाज की तरफ आओ कामयाबी की तरफ आओ अल्लाह की इबादत की तरह जो सबसे बड़ा मेहरबान और बहुत मेहरबानी( कर्म )करने वाला है सब तारीफ उस खुदा की है!


जो तमाम जानू का पालने वाला और रोजा जजा का मालिक है यानी तमाम जहान का मालिक और जन्नत और आखिरत का मालिक जमीन और आसमान ओंका मालिक पहाड़ों और समुद्रों का मालिक दुनिया की हर शय का मालिक है वह है वह एक है अल्लाह सबसे बड़ा है Allah इज द ग्रेटेस्ट ऑफ ऑल नहीं कोई इबादत के लायक सिवाय अल्लाह के वही है जो पत्थर के अंदर बैठे हुए कीड़े को भी खाना आता फरमाता है !


वही है जो मुर्दों को जितना करता है कयामत के दिन सभी मुर्दों को जिंदा करने वाले वह Allah है वह एक है जब दुनिया में कुछ ना रहेगा शिवाय अल्लाह के नाम के उस दिन कयामत का दिन होगा और अल्लाह सभी मुद्दों को जिंदा( फर्म) आएगा अपने हुस्न से और सभी का हिसाब किताब होगा और आवाज के जरिए आल्हा बुलाता है सबको आओ कामयाबी की तरफ और दबा कर लो मांग लो रब से जो चाहते हो और गलतियों की मांगों माफी जो गलतियां तुमने जान पूछकर की या वह गलतियां जो अनजाने में हो गए वह माफ करने वाला रहमतुल्लाह आलमीन है वह हमें 70 मां से ज्यादा चाहता है वह अल्लाह है वह एक है!


 नमाज में बंदा रब से मुलाकात करता है अल्लाह के आगे आ गई हाजरी देता है उसको सजदे करता है और अपने गुनाहों से माफी मांगता है जो सच्चा भक्त हो जाता है वह अल्लाह का बंदा होता है और जो अल्लाह का बंदा होता है उसका हो जाता है अल्लाह फरमाता है tum मुझे याद करो मैं तुम्हें याद करूंगा जैसे तुम मुझे याद करोगे वैसे मैं तुम्हें याद करूंगा तुम मुझे नमाज में जमानत के साथ याद करोगे तो मैं तुम्हें फरिश्तों की जमात main याद करूंगा हमें हम उसके लिए थोड़ी सी इबादत करते हैं वह हमारे लिए उससे ज्यादा उसका फल आता करता है और वह हमें farishto की जमात में याद करता है सोच कर देखिए कि फरिश्तों की जमात कितनी खूबसूरत होगी वह फरिश्ते जिन्हें अल्लाह तबारक व ताला ने नूर से बनाया है!


 जो खाने पीने से paak है दिन का हर वक्त यानी तमाम जहां का मालिक और जन्नत dozakh peed पौधा charind parind जमीन और आसमान का मालिक पहाड़ों समुंद्र ka malik दुनिया की हर शय का मालिक है वह Allah है वह एक है Allah सब से bada है Allah ke siwa नहीं कोई इबादत के लायक शिवाय अल्लाह के !


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