shab e barat ||2019||in Hindi||islamic Nelofar Azhari |
Assalamu Alaikum Wa Rahmatullahi Wa Barakatuh आज हम जिस त्यौहार की बात करने वाले हैं वह त्यौहार मुसलमानों के लिए बेहद इंपॉर्टेंट है क्योंकि रात में आने वाले साल के सभी मामला तय किए जाते हैं अल्लाह ताला हर मुसलमान का नाम आया माल तय करता है कि आने वाले साल में कौन पैदा होगा किसको कितनाRizk मिलेगा किस की कब मौत होगी यह सब इस रात में यानी शबे बारात की रात में हो जाता है!
अल्लाह ताला इस रात दुआओं को कुबूल फरमाता है यह रात बड़े ही बरकत वाली रात है इस रात में सभी मुसलमान पुष्कर कर कौशलकर कर नहा धोकर पाक साफ होकर नए कपड़े पहनते हैं और नमाज मगरिब के बाद से ही सारी रात इबादत में लग जाते हैं और अल्लाह से रो रो कर अपने गुनाहों की माफी मांगते हैं और अल्लाह से उम्मीद करते हैं कि वह हमें बख्श देगा और अल्लाह ताला बड़ा मेहरबान और रहम फरमा ने वाला है वह इस रात के सदके में मुसलमानों के गुनाहों को बख्श देता है और वह फरमाता है!
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शब ए बारात का मतलब
शब-ए-बारात दो शब्दों, शब और बारात से मिलकर बना है, जहाँ शब का अर्थ रात होता है वहीं बारात का मतलब बरी होना होता है। इस्लामी कैलेंडर के अनुसार यह रात साल में एक बार शाबान महीने की 14 तारीख को सूर्यास्त के बाद शुरू होती है। मुसलमानों के लिए यह रात बेहद फज़ीलत(महिमा) की रात मानीजाती है, इस दिन विश्व के सारे मुसलमान अल्लाह की इबादत करते हैं। वे दुआएं मांगते हैं और अपने गुनाहों की तौबा करते हैं।
हिंदुस्तान में शबे बरात 2019 कब मनाई जाएगी
shab e barat 2019 date in india
Mid-Sha'ban 2019 will begin in the evening of
Saturday----20 April
and ends in the evening of
Sunday----21 April
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shab e barat ka chand 2019
Hafte ko yani 6 April 2019 ko chandrat thiआज wa roze इतवार शबे बारात की 1 तारीख है इंशा अल्लाह तबारक व ताला 20 अप्रैल 2019 को शब ए बारात होगी!
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shab e Barat kya hai|| शब ए बारात को और किन किन नामों से पुकारा जाता है
शब ए बारातअरब में लैलतुल बराह या लैलतुन निसफे मीन शाबान के नाम से जाना जाता है। यह शब-ए-बारात के नाम से भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, ईरान, अफ़ग़ानिस्तान और नेपाल में जाना जाता है।
shab e Barat history in Hindi
अल्लाह की रहमतों के महीने रमजान से पहले Bando की मगफिरत का महीना सावान आता है इस महीने की बरकत से अल्लाह ताला अपने तमाम गुनाहगार बंदो को माफ फरमाता है और अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहो ताला अलैहि वसल्लम को जिब्रील अलैहिस्सलाम ने बताया था कि शबे बारात की रात में अल्लाह ताला आखिरी आसमान पर जलवा अफरोज होता है और अपने बंदों को आवाज देता है कि है कोई मकसद चाहने वाला है कोई रिस्क mangne वाला है कोई binary se shift chane वाला है कोई तौबा करने वाला मैं आज उसको हर चीज अदा करूंगा!
शबे बारात की रात में अल्लाह से जो भी चाहो मांग सकते हो वह अपने बंधु को पता करने के लिए खुद आवाज देता है कि आओ जो चाहो मांग लो यह मांगने की रात है हमें इस रात की कद्र करनी चाहिए और पटाखे छोड़कर रास्तों गलियों में घूम घूम करे इस रात को बर्बाद नहीं करनी चाहिए बलकेश रात में जितनी हो सके इबादत और दुरुद ओ सलाम पढ़ना चाहिए!
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नफिल नमाज भी पढ़ सकते हैं जिन लोगों की नमाज कजा ना हो वह नकली नमाज़ पढ़े लेकिन जिन लोगों की नमाज कजा हो वह कर जाए और पढ़े जितनी हो सके उसमें सारी अदा करें और उसके अलावा जितना हो सके सलाम दुरुद ओ सलाम हमारे आका मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो ताला वसल्लम पर भेजता रहे क्योंकि दुरुद ओ सलाम से बढ़कर कोई और इबादत नहीं और जो चाहे वह कुरान की तिलावत करें और बीच-बीच में रो रो कर अपने अल्लाह से मांगने अपने गुनाहों की माफी मांग ले अपने लिए रिस्क और मांग ले अपनी बीमारियों से शिफा क्योंकि उस रात को वोट देने वाला दे रहा है बस हमें मांगना नहीं आता हमारा रब तो हमें हर बार मौका देता है कि हम आज भी तौबा कर ले तौबा करने का मतलब अल्लाह की तरफ लौटना है यानी तौबा करो और अल्लाह से पनाह मांगू तौबा करने वाले लाखो बेहद पसंद है!
इस रात में हर गुनहगार की बख्शीश कर दी जाती है सिवाय कुछ ऐसे लोग हैं जिनकी इस रात में भी बक्शीश नहीं होती जिसमें पहला है Sudh खाने वाला दूसरा है वाले दान का ना फरमान यानी अपने मां बाप का कहना ना सुनने वाला और तीसरा है शराबी इन तीनों तरीके के लोगों की बख्शीश इस रात में भी नहीं होती ना हमें और आपको इन तीनों चीजों से बचने वाला बनाएं आमीन
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shab e Barat aamal
शबे बारात की रात में करने वाले कुछ खास अमल में से यह अमल है पहला gusl करकर पाक साफ या फिर नए कपड़े पहनना खुशबू लगाना सुरमा लगाना और उसके बाद पांचों नमाज ए फर्ज अदा करना और ज्यादातर मस्जिद में सलातो तस्वीर की नमाज का इंतजाम किया जाता है हो सके तो सलातो तस्वीर की नमाज अदा करना उसके बाद कब्रिस्तान जाना और मुर्दों को पढ़कर बक्शना मुर्दों के लिए दुआएं magfirat करना के बाद मस्जिद में जाकर औरतें अपने घरों में पर्दे के साथ बैठकर नमाजे कजा उमरी अदा करना
shab e barat ||2019||in Hindi||islamic Nelofar Azhari |
और जिन की नमाजे कजाना हो उन्हें नकली नमाज पढ़ना और बीच बीच में अल्लाह से नफरत और तोबा मांगना कुरान की तिलावत दुरुद ओ सलाम पढ़ना खासकर फज्र के वक्त दिल बड़ा कर दुआ मांगना यह सभी शबे बारात की रात के अमल में शामिल है अल्लाह आपको और हम सबको इस रात का कद्र करने वाला और तौबा करने वाला बनाएं!
shab-e-Barat about
हुजूर सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम ने एक हदीस में याद फरमाया के शाबाद मेरा महीना है और रमजान अल्लाह का महीना है सच में शाहबान खूब बरकत वाला महीना है
शब ई बारात का रोजा की फजीलत
शबे बारात की सुबह में मुसलमान लोग रोजा रखते हैं यह रोजा बड़ी बरकत वाला है और रमजान के रोजे की पहली शुरुआत है इस रोजे के 15 दिन बाद ही रमजान शुरू हो जाते हैं यह महीना बड़ा ही बरकत और रहमत वाला है शब ए बारात के दिन मुसलमानों के घर में नजरों niyaz होते हैं और यह ज्यादातर हलवे पर दिलाई जाती है और मुसलमान अपने रिश्तेदारों को यह Niyaz भेजते हैं!
shab e barat ||2019||in Hindi||islamic Nelofar Azhari |
शब ए बारात ki Niyaz Sasural bhejna
काफी पुराना है और पुराने भक्तों से ही चला आ रहा है और आज भी मुसलमान इसी तरीके से शबे बारात मनाते हैं अर्श से फर्श तक फरिश्तों का आना जाना लगा रहता है
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Muhammad|| सल्लल्लाहु ताला अलेही वसल्लम
shab e barat and shab e qadr
शबे बारात की रात में कब्रिस्तान जाना
shab e barat ||2019||in Hindi||islamic Nelofar Azhari |
कब्रिस्तान को बहुत खूबसूरत तरीके से दुल्हन की तरह सजाया जाता है और वहां पर अपने जीवों के लिए पढ़ाई कर कर उनको बक्शी जाती है जिससे उनके गुनाह माफ हो सके और वैसे भी जब कोई मुसलमान कुछ भी पढ़ कर किसी मुद्दे को बचता है तो उसका ज्यादातर सवाद पढ़ने वाले को मिलता है और मुर्दे को उसका सवाब कम मिलता है लेकिन वह सवाब मुर्दे को एक थाली में सजाकर पेश किया जाता है और वह मुद्दा उस पढ़ने वाले को दुआएं देता है कि अल्लाह तुझे अच्छा रखे तूने मुझे यह तोहफा दिया ना तुझे बेहतर तोहफा दे इसलिए मुसलमानों को कब्रिस्तान जाकर पढ़ाई जरूर करनी चाहिए और मुर्दों के लिए मुसीबत की दुआ करनी चाहिए
shab e Barat book in Urdu pdf download
URDU BOOK: Shab-e-Barat | Pages: 24
Shab e Barat Mein maafi mangna
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Muhammad||muhummad s.a.w ke naam Hindi or arbi me||99 name of mumhummad s.a.w
यह शब ए बारात हमारी आखिरी शबे बरात ना हो हम कुछ नहीं जानते अल्लाह ही हमारे बारे में जानता है कि अगला फल क्या होने वाला है हमारी जिंदगी है या मौत मौत आने से पहले आखिरत की तैयारी कर लीजिए और अपने लिए लोगों से दुआ करवाएं और जो भी आपकी गलती हुई हो किसी से भी उससे माफी मांगी थी क्योंकि अल्लाह ताला उस इंसान को माफ नहीं करेगा जब तक वह इंसान जिसका हम ने बुरा किया वह हमें माफ कर दे इसलिए फॉरेन माफी मांग लीजिए क्या पता अगला पल हमारा आखिरी पल हो और हम माफी मांग ले जिससे हमारे ही बेतराय हैं माफी मांगने से कोई छोटा नहीं हो जाता बल्कि अल्लाह की नजर में उसके गुनाह माफ हो जाते हैं जो माफी मांग लेता है अपने किसी का भी दिल दुखाया हो किसी से भी कोई भी ऐसी बात कह दी हो जाने अनजाने जो उसे पसंद ना आई हो या आपका पति के बीच झगड़ा हो या आपकी बातचीत बंद हो फॉरेन सुला कर लीजिए और माफी मांगने में पहल कीजिए!
जो पहले माफी मांगता है उसके दर्जा ज्यादा बुलंद होते हैं शब ए बारात में माफी मांगना बेहद जरूरी होता है क्योंकि इसी रात हमारे नाम आया माल पूरी साल के लिए तैयार होता है अच्छे वालों से हमारे आने वाले साल की शुरुआत करवाएं या रब्बुल आलमीन
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