Tuesday, 30 April 2019

Ramzan 2019 ||Ramzan kab hai ||Ramzan calendar

Ramzan 2019 ||Ramzan kab hai ||Ramzan calendar
Ramzan 2019 ||Ramzan kab hai ||Ramzan calendar


Assalamu Alaikum Wa Rahmatullahi Wa Barakatuh आज हम जिस महीने की बात करने वाले हैं वह महीना किसी भी पहचान का मोहताज नहीं वह महीना बरकतों रहमतों और bakshish का महीना hai जी हां अब आप समझ ही गए होंगे कि हम रमजान मुबारक की baat कर रहे हैं रमजान अल्लाह ताला ने पूरे साल की गुनाहों से बख्शीश और अपने बरकते तमाम दुनिया के मुसलमानों पर nazil करने के लिए बनाया है रमजान के महीने में nafil Namaz ko फर्ज नमाज के बराबर और फर्ज नमाज़ का सवाब 70 गुना बढ़ा दिया जाता है एक नेकी का सवाब 10 गुना कर दिया जाता है और ऐसे ही 1 गुना(galti) का अज़ाब 10 गुना कर दिया जाता है रमजान का महीना इतनी बरकतों और रहमतों का है जितना हम सोच भी नहीं सकते इस महीने में फरिश्ते तमाम दुनिया के मुसलमानों के लिए दुआएं मगफिरत करते हैं और सभी के रिस्क में बरकत कर दी जाती है !
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सबके घरों में ज्यादा से ज्यादा पकवान बनते हैं और लोग नए कपड़े भी बनाते हैं पांचों नमाज अदा करते हैं और ईशा की नमाज के बाद ताराबी अदा की जाती है जिसके दौरान एक हाफिज_ ए_ कुरान बिना देखे कुरान पड़ता है और पीछे इमाम के सभी मुसलमान उस कुरान को सुनते हैं और अपनी Taraweeh मुकम्मल करते हैं रोजी के साथ tarawih भी पढ़ना जरूरी होता है और इसका बेइंतेहा सवाब मिलता है जितना हम सोच भी नहीं सकते इसलिए हर एक मुसलमान को मस्जिद में जाकर तरावी जरूर अदा करनी चाहिए और रमजान में मिलने वाली बरकतों का फायदा उठाना चाहिए और अल्लाह को राजी कर लेना चाहिए!



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Ramzan 2019 ||Ramzan kab hai ||Ramzan calendar
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Ramzan 2019 ||Ramzan kab hai ||Ramzan calendar
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रमज़ान 2019. इस शाम से:


रविवार=== 5 मई

इस शाम तक:

मंगलवार==== 4 जून

Chand निकलने के ऊपर है तारीख अलग हो सकते हैं। क्योंकि चांद का निकलना अल्लाह तबारक व ताला की मर्जी है वह चांद 4 मई को भी निकल सकता है और 5 मई को भी उसके अगले दिन से ही पहला रमजान शुरू हो जाएगा इंशा अल्लाह तबारक बताना और अल्लाह ने चाहा तो इस साल सभी मुसलमान रोजे रखकर अल्लाह इबादत कर कर कुरान की तिलावत कर कर अपने खुदा को राजी कर लेंगे और अपनी बक्शीश करवा लेंगे इंशा अल्लाह क्योंकि यह महीना बख्शीश का महीना है अल्लाह इस महीने अपनी रेहमतों को ज्यादा से ज्यादा बढ़ा देता है और रिस्क में बरकत देता है इस महीने आप जितना भी खा लो खर्च कर लो कपड़े बना लो किसी भी चीज़ का हिसाब अल्लाह तबारक व ताला हम से नहीं लेता और हमें इस महीने की बरकत उसे नवाज देता है रोजे की हालत में मुसलमान पर फरिश्ते रहमते बरसाते हैं!

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रमजान के पाक महीने से जुड़ी मान्यताएं


1 हदीस के मुताबिक रमजान मुबारक में एक बार दुरु शरीफ पढ़ने का सवाब 100000 दुरु शरीफ मिलता है और हदीस में आता है कि जो कोई रमजान उल मुबारक में एक बार सुभानल्लाह कहे उसको इस कदर सवाब मिलेगा जो गहरे रमजान में एक लाख सुभानल्लाह कहने पर मिलता है और रिवायत के मुताबिक अर्श उठाने वाले फरिश्ते रोजेदारों की दुआ पर आमीन करते रहते हैं अतः तरह की वर्दी की एक रिवायत के मुताबिक रमजान के rozadar के लिए दरिया की मछलियां Aaftaar तक दुआ ए मगफिरत करती रहती हैं!

रोजा baateeni इबादत है क्योंकि जब तक हम किसी पर जाहिर नहीं करते किसी को यह इल्म नहीं हो सकता कि हमारा रोजा है और अल्लाह बात ही नहीं इबादत को ज्यादा पसंद फरमाता है जैसा की हदीसे पाक में मदीने के सुल्तान सल्लल्लाहो ताला अलेही वाले वसल्लम का फरमान है आलीशान है कि अल्लाह की राह में पोशीदा यानी छुपा कर एक पैसा देना उन पैसों से अफजल है जो जाहिर में दिए जाते हैं यानी दूसरों को दिखा कर देने वाले पैसों से अफजल है वह एक पैसा क्यों छुपा कर दिया जाए इस मुबारक महीने के एक खुसूसियत यह भी है कि अल्लाह ने इसमें कुराने पाक नागिन फरमाया ए कुरान ए मजीद में अल्लाह का nazul _e_कुरान और माहे रमजान के बारे में फरमान है!
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रमजान की तारीफ


मुंदर जावाला आयते मुकद्दसा के विदाई हिस्से में शहरों रमजान के तहत मुफस्सिर शहीर हजरत मुफ्ती अहमद यार खान नईमी रहमतुल्लाहि ताला अलैहि तस्वीर एनीमी में फरमाते हैं रमजान या तो रहमान की तरह अल्लाह का नाम है क्योंकि इस महीने में दिन रात अल्लाह की इबादत होती है लिहाजा इसे शहर ए रमजान यानी अल्लाह का महीना कहा जाता है जैसे मस्जिदों का बाकू अल्लाह का घर कहते हैं कि अल्लाह अल्लाह के ही काम होते हैं !


ऐसे ही रमजान का महीना है कि इस महीने में अल्लाह के ही काम होते हैं रोजा तरावी वगैरा तो है ही अल्लाह के मगर वह हालत में रोजा जो जाए नौकरी और तिजारत राखी जाती है वह भी अल्लाह के काम करार पाते हैं इसलिए इस महा का नाम रमजान यानी अल्लाह का महीना है या यह रमजान में मुश्तक है रमजान मौसम मे खारीफ की बारिश को कहते हैं जिससे जमीन भूल जाती है और रबी की फसल खूब होती है क्योंकि यह महीना भी दिल के दर्द गुब्बार को धो देता है और इससे आम आम की खेती हरी भरी रहती है !


इसलिए इसे रमजान कहते हैं सावन में रोजाना बारिश चाहिए और भादो में चार फिर आसान में 11 से खेती पक जाती है तो इसी तरह 11 महीने बराबर ने किया की जाती रही फिर रमजान के रोज होने इन ने क्यों की खेती को पका दिया या यह रमजान से बना जिसके माना है गर्मी या जलना क्योंकि इसमें मुसलमान भूख प्यास की तपिश बर्दाश्त करते हैं या यह गुनाह को जला डालता है इसलिए इसे रमजान कहा जाता है was Siri Ne farmaya ki Jab mahino Ke Naam Rakhe Gaye Tu Jis Mausam Mein Jo Mahina tha Usi se uska naam Hua Jo Mahina Garmi Mein Tha use Ramzan Ka Diya Gaya aur jo Mausam Mein Bahar Mein Tha use reviewal aur jo sardi mein tha Jab Pani jam raha tha use Jamal ul Awal kahan gaya is Naam Mein Har Naam Ki Koi Na Koi Wajah hoti hai aur Naam Kaam ke mutabik Rakha jata hai .

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dusri is Tilla Haath Mein Ja Baat Nahin Hamare Bade jahil ka naam Mohammad Fazil Hota aur til ka Sher Bahadur Hota aur Buddh Surat ko Yusuf Khan Kahate Hain Islam Mein ja ab Nahin Ramzan Bahut Khoob ka Jamia tha isiliye iska naam bhi Ramzan hua

रोजा ढाल है


Sarkar E Madina Sallallahu Tala Ali wale Irshad farmaya Roza Dhal Hai dozakh se Jani Jis Tarah super Jani Dhal Talwar ke bahar ko Roti Hai ISI Tarah Roj abhi jahannam Ki Aag Ka Azab se rozedar ka bacha Karta Hai kiamat Mein Jab dozakh gunagaar par Hamla our Hogi Tu Jo log rojadar Mare Hain Kahan Hai Jab Wo Samne aaenge तो दोजक रोजादार की पहचान kar Chalis Baras Ke Fasle par Unse Dur hat Jayegi!

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रोजादार को आग ना जल आएगी




  हदीस शरीफ में है कि क्या मत के दिन एक गुनहगार दोजक में डाला जाएगा आग उससे भागेगी दारोगा ए जहन्नम हज़रत सैयदना मालिक अलैहिस्सलाम दोजक की आग से कहेंगे तो इसे क्यों नहीं जला आ रही आग अर्ज करेगी मैं इसे क्यों कर पकड़ो इसके मुंह से रोजे की बू आती है हज़रत सैयदना मालिक अलैहिस्सलाम उस गुनाहगार से पूछेंगे क्या तू रोजेदार मारा था वह कह का जी हां
(अनीस उल बायजीन)

माहे रमजान इतनी बरकत और रहमतों का है रमजान मुबारक में इस कदर बरकते और रहमत है कि हमारे प्यारे आका सल्लल्लाहो ताला अलेही वाले वसल्लम ने इरशाद फरमाया अगर बंद को मालूम होता कि रमजान क्या है तो मेरी उम्मत तमन्ना करती कि काश पूरा साल रमजान ही हो

(इब्ने khuzema)

When is Ramadan in 2019: रहमतों और बरकतों का ये महीना अच्छे कामों का सबब देने वाला होता है. इसी वजह से इस माह को नेकियों का माह भी माना जाता है. इस माह को कुरान शरीफ के नाजिल का महीना भी माना जाता है.  रमजान इतना 5 महीना है कि अल्लाह तबारक व ताला ने अल्लाह के रसूल हुजूर सल्लल्लाहो ताला अलेही वाले वसल्लम के ऊपर रमजान के महीने में ही कुरान नाजिल फरमाया रमजान के महीने में जन्नत के दरवाजे खोल दिए जाते हैं और रहमतों की हवाएं दुनिया पर भी आती हैं!

रोजेदार की मुंह की BHU

अल्लाह तबारक व ताला को रोजेदार इतना पसंद होता है कि उसके मुंह में जो जिसे हम बदबू भी कह सकते हैं वो आती है वह अल्लाह ताला को मुश्क की खुशबू से भी ज्यादा पसंद है और वह रोजेदार की हर एक चीज से मोहब्बत करता है अल्लाह रोजेदार पर रहमते बरसाता है !


Rosy Karobar Mein Barkat Ka Mahina

हजरत सैयद होना सलमान फारसी रजि अल्लाह ताला अन्हा फरमाते हैं कि महबूब ए रहमान सल्लल्लाहो ताला अलेही वाले वसल्लम ने मा हे श्याम आन के आखिरी दिन बयान फरमाया है लोगों तुम्हारे पास अजमत वाला बरकत वाला महीना आया वह महीना जिसमें एक रात ऐसी भी है जो हजार महीनों से बेहतर है इस माह ए मुबारक के रोज़े अल्लाह ने फर्ज किए और इसकी रात ने किया म्यानी जाकर खुदा की इबादत करने पर जो इस में नेकी का काम करें तो ऐसा है !


जैसा और किसी महीने में फर्ज अदा किया और इसमें जिसने फर्ज अदा किया तो ऐसा है जैसे और किसी दिनों में 70 फर्ज अदा किया यह महीना सब्र का है और सब्र का सबब जन्नत है और यह महीना मुहासा यानी हमारी और भलाई का है और इस महीने में मोमिन का रिस्क बढ़ा दिया जाता है जो इसमें रोजादार को इफ्तार कराएं उसके गुनाह के लिए मग फिरत और उसकी गर्दन आंख से आजाद कर दी जाएगी और इस स्टार कराने वाले को वैसा ही सवाब मिलेगा जैसा रोजा रखने वाले को मिलेगा बगैर इसके कि उसके अंदर में कुछ कम हो हमने आज की या रसूल अल्लाह सल्लल्लाहो ताला अलेही वाले वसल्लम का हर शख्स वह चीज नहीं पाता जिससे रोज आfतार कराएं

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Allah||Allah ke |zikar| ki Fazilat


आप सल्ला वसल्लम ने इरशाद फरमाया अल्लाह ताला यह सब आप तो उस शख्स को भी देगा जो एक घूंट दूधि या एक खजूर या एक घूंट पानी से रोजा इफ्तार कराएं और जिसने रोजादार को पेट भर खिलाया उसको अल्लाह मेरे कौशल आएगा कि कभी प्यासा ना होगा यहां तक कि जहन्नम में दाखिल हो जाए यह वह महीना है कि इसका अब बोल यानी 10 दिन रहमत है और इसका औसत दरमियानी 10 दिन मत है और आखिरी आखिरी 10 दिन से आजादी है जो अपने नाम पर इस महीने में नरमी करें यानी काम कमले अल्लाह उसे बख्श देगा और जहन्नम से आजाद कर देगा अल्लाहू अकबर माहे रमजान की भी क्या खूब बिकते हैं!


रमजान में जन्नत सजाई जाती है



Ramzan 2019 ||Ramzan kab hai ||Ramzan calendar
Ramzan 2019 ||Ramzan kab hai ||Ramzan calendar


रमजान उल मुबारक के इस्तकबाल के लिए सारा साल जन्नत को सजाया जाता है चुनाव चिन्ह देते सैयदना अब्दुल्लाह इब्ने उमर रजि अल्लाह ताला अनहो से रिवायत है कि ताजदार ए मदीना सल्लल्लाहो ताला अलेही वाले वसल्लम ने इरशाद फरमाया बेशक जन्नत इब्तिदा ई साल से आई दा साल तक रमजान मुबारक के लिए सजाई जाती है और फरमाया कि रमजान शरीफ के पहले दिन जन्नत के दरवाजे के नीचे से बड़ी बड़ी सफेद आंखों वाली hure पर हवा चलती है और वह अरz करती है परवरदिगार अपने बंधुओं में से ऐसे बंदों को हमारा shohar (husband)बना जिनको देखकर हमारी आंखें ठंडी हो और जब वह हमें देखें तो उनकी आंखें ठंडी हो


(Mishkaat shareef)


दो रमजान के Darmiyaan ke Gunah Maaf

हजरत ए सईया दो ना आर्म्स रजि अल्लाह ताला अनहो हजरत ए सैयदना हास्य मार दे अल्लाह ताला अनु से नकल करते हैं एक रमजान दूसरे रमजान तक एक हज दूसरे हस्तक और 1 + दूसरे जुम्मा तक एक नमाज दूसरे नमाज तक के गुनाहों का कफारा बनते हैं जबकि कबीरा गुनाह से बचा रहे!
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Muhammad|| सल्लल्लाहु ताला अलेही वसल्लम


पूरे रमजान khear hi khear hai

Amirul momineen Hazrat Syedna Umar Farooq Razi Allah Tala anha Ramzan ul Mubarak Ka Mahina tasrif Lata Tohfa Maiya Kaat is mahine ko khush aamdeed hai jo Hamein Park karne wala hai pura Ramzan Hai Har Hai Din ka roza ho ya Raat Ka Kiya is mahine Mein kharch karna Jihad Mein kharch karne ka darja Rakhta hai .


isliye is mahine mein jyada Se Jyada kharch karna chahi aur logoko taqseem karna chahiye Apne Pariwar Ghar Walon Ko Jyada Se Jyada acchi name khilani chahiye Kyunki in Kabhi sawab aapko Jyada Se Jyada Milta Hai


रमजान कैलेंडर


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  1. बख्शीश का बहाना

हजरत ए सईया दो ना मौला अली फरमाते हैं अगर अल्लाह को उम्मते मोहम्मद सल्लल्लाहो ताला अलेही वाले वसल्लम पर अज़ाब करना मकसूद होता तो उनको रमजान और सूरह कुल वल्लाह हूं अहद हरगिज़ ना इनायत फॉर माता

मेरे प्यारे भाई बहनों रमजान अल्लाह ने हमें बड़े नसीब से इंशा अल्लाह अगर इस बार भी आता किए तो हमें इस को यूंही जाया नहीं करना है और रोजा रख कर इबादत करनी है और अपने अल्लाह को राजी करना है तोबा करनी है दुरूद ज्यादा से ज्यादा पढ़ना है और जितना हो सके गरीबों में तक्सीम करना है और रोजेदारों का रोजा खुलवाने की कोशिश करना है और पड़ोसियों का हक उन्हें जरूर देना है रमजान बड़ी ही बरकत और रहमतों का महीना है हमें इससे फायदा उठाना चाहिए और अपने रब को राजी कर लेना चाहिए क्या पता अगले पल मौत हो मौत का बंदा हर वक्त कर्जदार रहता है


कोई नहीं जानता यह उसका आखिरी पल हो सकता है और फिर बाद में पछताने के के काश मैंने दुनिया में अल्लाह से तौबा कर ली होती दुनिया की काम में लगने से ज्यादा अल्लाह के कामों में लग गया होता यह सोचने के सिवाय हमारे पास कुछ भी ना होगा हमें अल्लाह के दिए रिस्क में शुक्र अदा करना चाहिए और हमेशा उसकी पढ़ाई होनी चाहिए शुक्र करने वाले बंदे हो अल्लाह बहुत पसंद फरमाता है और कयामत में उसके थोड़े से नेकीयों पर उसे राजी हो जाएगा इंशा अल्लाह आपको aur Hamein Tamam Duniya Ke musalmano ko Ramzan Ki Izzat karne wala aur Sahi tarike se Roza rakhne wala banayan Ameen ya rabbul Alamin Agar aapko yeah post " Ramzan 2019 Ramzan kab hai Ramzan calendar "Pasand Aaye To please Jyada Se Jyada share Karen aur aur FIR Milte Hain Ex Post Mein Inshallah Zindagi Rahi to 

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