रमजान की तारीफ|| रमजान 2019|| रमजान मुबारक |
अस्सलाम वालेकुम व रहमतुल्लाहि बरकातहू आज हम रमजान की तारीख का जिक्र करेंगे वैसे तो रमजान की तारीख का मोहताज नहीं वह खुद आना आला से आला महीना है इस महीने की जितनी तारीफ की जाए वह कम है क्योंकि ए अल्लाह ताला का महीना है अल्लाह इसमें दिलों के महल को धो देता है और नीचे की तरफ मुसलमानों को भेज देता है और सभी के गुनाह माफ कर देता है और 11 सवाब का 70 70 * guna bada diya jata है!
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- रमजान की तारीफ
इस मुकद्दस आयत जो ऊपर दी गई है के पैदाइश से शहरी रमजान के तहत हजरत मुफ्ती अहमद यार खान नईमी रहमतुल्लाह ताला अलेही तपसीरे neemi मैं फरमाते हैं
रमजान या तो रहमान की तरह अल्लाह का नाम है क्योंकि इस महीने में दिल दिन रात अल्लाह की इबादत होती है लिहाजा इसे चेहरे रमजान यानी अल्लाह का महीना कहा जाता है जैसे मस्जिदों का बाकू अल्लाह का घर कहते हैं कि वहां अल्लाह के ही काम होते हैं ऐसे ही रमजान अल्लाह का महीना है कि इस महीने में अल्लाह के ही काम होते हैं !
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इसलिए इसे रमजान कहते हैं साबुन में रोजाना बारिश चाहिए और भादो में 4 आसान में 111 से खेतिया पक जाती है तो इसी तरह 11 महीने बराबर नहीं की जाती है फिर रमजान के रोजे इसने क्योंकि खेती को पका दिया यह रन से बना जिसके माना है गर्मी या जलना क्योंकि इसमें मुसलमान की या यह गुनाहों को जला डालता है इसलिए इसे रमजान कहा जाता है रमजान बहुत खूब यो काजल था इसीलिए इसका नाम भी रमजान हुआ!
रमजान में बरकत ही बरकत ए हैं
हजरत मुफ्ती अहमद यार खान रहमतुल्लाहि ताला अलैहि तfसिरे नहीं मी में फरमाते हैं इस माह ए मुबारक के कुल 4 नाम है
पहला माहे रमजान
दूसरा माहे सब्र
तीसरा महीना mahe muasat
चौथा माह में woosate रिस्क
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और आगे वह यह भी फरमाते हैं कि रोजा सब्र है जिसकी जगह रब है और वह इसी महीने में रखा जाता है इसलिए माहे सब्र कहते हैं वह साथ के माना है भलाई करना क्योंकि इस महीने में सारे मुसलमानों से खासकर अहले करावत में भलाई करना ज्यादा स्वभाव है इसलिए इसे मां है वह साथ कहते हैं इसमें रिस्क की फराह की भी होती है कि गरीब भी नेमतें खा लेते हैं इसीलिए इसका नाम मा है उसे रिस्क भी है हजरत ए किबला मुफ्ती अहमद यार खान रहमतुल्ला हे तने जिम माहे रमजान के मस्जिद तेरा फाइल बयान फरमाए हैं वह दर्जे जेल है!
1= Kaba musalmano ko Bula kar deta hai aur yah Aakar rahamat Banta Hai goyani ka Bakra hai aur yah Ramzan Sharif Dariya Hai Ya wakaba Dariya Hai Aur Ye Ramzan Barish hai.
2= हर महीने में खास तारीफें और तारीखों में भी खास वक्त में इबादत होती है मसलन बकरा ईद के चांद मकसूद तारीखों में हज मोहर्रम की दसवीं तारीख अफजल है मगर माहे रमजान में हर दिन और हर वक्त इबादत होती है रोजा इबादत स्टार भारत स्टार के बाद शराबी का इंतजार इबादत तरावी पढ़कर शहरी के इंतजार में सोना इबादत फिर शहरी खाना भी इबादत गरz की आन में खुदा की शान नजर आती है!
3= रमजान एक भट्टी है जैसे कि भक्ति गंदे लोहे को सांप और सांप लोहे को मशीन का पुर्जा बनाकर कीमती कर देती है और सोने के जेवर बना कर इस्तेमाल के लायक कर देती है ऐसे ही माहे रमजान गुनाहगारों को बात करता है और मेक लोगों के दर्जे बढ़ाता है!
4= रमजान में नफिल का सवाब फर्ज के बराबर और फर्ज का शबाब 70 गुना मिलता है !
5=बाज उलमा फरमाते हैं कि जो रमजान में मर जाए उससे सवाल आते कब्र भी नहीं होते !
6=इस महीने में शबे कद्र है गुस्सा आया तो मालूम हुआ कि कुरान रमजान में आया और दूसरी जगह फरमाया इन लंदन नाउ फी लैला तुल कद्र बेशक हमने इसे शबे कद्र में उतारा दोनों आए तो के मिलाने से मालूम हुआ कि शबे कद्र रमजान में ही है और वह वाली बंद 27 वी शब है क्योंकि लैला तुल कद्र में नोहर है और यह लव सूरह कद्र में तीन बार आया जिससे 27 हासिल हुआ मालूम हुआ कि वह 27 wi shab है!
7= रमजान में प्लीज कैद कर दिया जाता है और दोजक के दरवाजे बंद हो जाते हैं जन्नत का रस्ता की जाती है इस के दरवाजे खोल दिए जाते हैं इसीलिए उन दिनों में ने क्यों की आरती और गुनाह की कमी होती है जो लोग गुनाह करते भी हैं वह nafs_e_ammara ya अपने साथ ही शैतान kareen के बहकावे से करते हैं !
8=रमजान के खाने-पीने का हिसाब नहीं !
9=क्यामत में रमजान aur कुरान रोजादार की shafaat करेंगे कि रमजान तो कहेगा कि मौला मैंने इसे दिन में खाने पीने से रोका था और कुरान अर्z करेगा कि या Rab मैंने इसे रात में तिलावत व तरावी के जरिए रोज सोने से रोका!
10=Huzur sallahu तालाalehiवसल्लम रमजान मुबारक में हर कैदी को छोड़ देते थे और हर साहिल को अता फरमा तेथे रब ताला भी रमजान में जहन्नम यों को छोड़ता है लिहाजा हमें चाहिए कि रमजान में नेक काम किया जाए और गुनाह से बचा जाए !
11=क़ुरआने करीम में सिर्फ रमजान शरीफ ही का नाम लिया गया है और इसी के बयान हुए किसी दूसरे महीने का नाम nahi है ना ऐसेdosre महीनों में सिर्फ कुरान शरीफ में लिया गया और Aorto me बीवी मरियम ka naam Quran me aya hai sahaba me sirf hazrat dead bin har is ka naam Quran me aya hai jissse in 3 ki adat maloom hui!
12=रमजान शरीफ में iftar और शहरी के वक्त दुआ कबूल होती है यानी इफ्तार करते वक्त यानी खजूर वगैरह खाकर या पानी पीने के बाद और शहरी खा कर यह मर्तबा किसी और महीने को हासिल नहीं !
13=रमजान में 5 Harf h
(R) Ameen ,zada ,Aldi, noon
R. Se murad rhamate ilahi hai
meen se murad mohubbate ilahi hai
Zaad se murad zamane jilani hai
Alif se murad Amane ilahi hai
Noon se murad Noor_e_ ilahi hai.
रमजान में पांच ibadaat खुसूसी होती हैं रोजा तरावीह तिलावत ए कुरान ए पाक और शबे कद्र में इबादत तो जोर कोई सिद्ध के दिल से यह पांचवा ibadat करें वह उन 5 iनामों का मालिक बन जाए!
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Muhammad||muhummad s.a.w ke naam Hindi or arbi me||99 name of mumhummad s.a.w
रोजाना 1000000 गुनहगारों की जहन्नुम से रिहाई
अल्लाह की इनायत ओं और रहमतों और बक्शीश ओं का तस्करा करते हुए एक मौके पर ताजदार ए मदीना सल्लल्लाहो ताला अलेही वाले वसल्लम ने इरशाद फरमाया जब रमजान की पहली रात होती है तो अल्लाह ताला अपनी मखलूक की तरफ नजर पर माता है और जब अल्लाह किसी बंदे की तरफ नजर फरमाए तो उसे कभी आ जाओ ना देगा और हर रोज 10 लाख होना गारो को जहन्नम से आजाद फरमाता है और जब 19वीं रात होती है तो महीने भर में जितने आजाद किए उनके मजे के बराबर उस रात में आजाद करता है
फिर जब ईद उल फितर की रात आती है मलाइका खुशी करते हैं और अल्लाह अपने नूर की खास दिल्ली फरमाता है और फरिश्तों से फरमाता है और मलाइका यानी फरिश्तों उस मजदूर का क्या बदला है जिस ने काम किया पूरा कर लिया फरिश्ते अर्ज करते हैं उसको पूरा पूरा आज दिया जाए अल्लाह फरमाता है मैं तुम्हें गवाह करता हूं कि मैंने इन सब को बक्श दिया सुभान अल्लाह!
रोजादार को पानी पिलाने की फजीलत
सरकारे मदीना सल्लल्लाहो ताला अलेही वाले वसल्लम ने इरशाद फरमाया जो कोई रमजान मुबारक में रोजादार को पानी पिलाए तो वह अपने गुनाहों से इस तरह बात और साफ हो जाएगा गया अभी अपनी मां के पेट से पैदा हुआ हो सहाबा ने अर्थ की या रसूल अल्लाह सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम यह हुक्म घर पर है यह सफर में यह उस जगह जहां पानी नहीं मिलता हो सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम ने फरमाया कि यह हुक्म नाम है !
Allah||Bissmillah ki barkat ki sachchi hikayat||2019
जुम्मा की हर हर घड़ी में 1000000 की मग फिरत
Tabihul gafileen me saiyaduna faqi Abdullah samarqandi ne ek tabeel Hadees Ki Hai Jisme Yaha bhi hai alamehar Ramzan Mein Roza Iftar ke Waqt Waqt 10 lakh Aise gunahgaro ko jahannam se Azad par marta hai Jin par Gunahon ki vajah se Janam Wajid ho chuka tha Nisha bajuma aur Roza Jo Mar Jani jumerat ki rubai Aftab Se Lekar Jo Mar Ke Guru WWE Aftab tak ki har har ghadi Mein Aise 10 lakh gunahgaro ko jahannam se Azad Kiya jata hai jo Azab ke Haider Karar Kiye Ja Chuke hote hain aur jab Ramzan ul Mubarak Ka Aakhri Din aata hai tu Pehli Ramzan Se Lekar ab tak jitne Azad Hue The Unki ginti ke barabar use Aakhri Din Mein Azaad Kiye Jate Hain Sabhi Jan Ameen
हज़रत सैयदना अबू हुरैरा रजि अल्लाह ताला अनु से रिवायत है कि शहंशाह ए मदीना सुरूर है कल पसीना सल्लल्लाहो ताला अलेही वाले वसल्लम ने इरशाद फरमाया जो ईमान की वजह से और शबाब के लिए रमजान का रोजा रखेगा उसके अगले गुनाह माफ कर दिए जाएंगे और जो ईमान की वजह से सब आपके लिए शबे कद्र का काम करेगा उसके अगले गुनाह बख्श दिए जाएंगे इन तीनों हदीस हो मैं अल्लाह के किस कदर azeem-o-shaan इनामो इकराम का जिगर सुभानल्लाह रोजाना 1000000 ऐसे गुनहगारों की बख्शीश हो जाया करती है !
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Allah ki tareef ||2019
जो अपने गुनाहों के सब जहन्नम के हकदार घर आ चुके हैं और जुम्मा की तो हर हर घड़ी में 10:00 1000000 गुणाकार असमीना से आज़ाद कर दिए जाते हैं और फिर रमजान मुबारक की आखिरी शब्द की तो खूब बरकत ए हैं जितने सारे माहे रमजान में बस गए थे उसके शुमार के बराबर गुनाहगार उस रात में आ जाबे नार से निजात पाते हैं अकाश अल्लाह हम गुनहगारों और बद कारों को भी एक मकसद यादगार में शामिल कर ले और हमारी भी मग फिरत हो जाएं तमाम उम्मते मुस्लिमा की मकसद हो जाए इसलिए हमें चांद रात को इधर-उधर घूमने में टाइम बर्बाद करने की वजह इबादत में लगना चाहिए और अल्लाह से अपनी मसरत करना चाहिए इंशा अल्लाह इस दुआ के साथ कि हमारी मकसद जरूर होगी !
तो इंशाल्लाह क्यों नहीं होगी अल्लाह मोहब्बेवाला जवाब है रहमत अली लाल अमीन है गुनाहों को बख्श ने वाला है दोनों जहान का मालिक है और वह कुछ आता है कि मांगू जो मांगना चाहते हो वह खुद अपने बंदों से मोहब्बत करता है और मोहब्बत का इजहार रमजान की बरकत उसे करता है तो हमें इस महीने की अजमत को समझ कर और इस महीने की बरकत हासिल कर लेना चाहिए हमारे को भी बढ़ा दिया है दस्तरखान पर तैयारी के वक्त कैसी-कैसी नहीं होती हमारे पास चाहे गरीब हो या अमीर हर कोई अच्छे से अच्छा खा पाता है जो अगले 11 महीनों में भी नहीं खा पाता एक साथ कई कई नेमतें सजी होती हैं !
और हम मजे ले लेकर खाते होते हैं बच्चों के चेहरे पर रौनक होती हैं बुजुर्ग नमाज और इबादत में लगे होते हैं दीवार बादल जमीन हर तरफ नूर की बारिश होती होती है जो पिछले 11 महीनों में कभी नजर नहीं आती या अल्लाह हमें इस रमजान की बरकत औरतों को समझने वाला बना और हम तमाम मुसलमानों को इसकी तारीफ करने वाला बना और हर घड़ी में रमजान की बरकत ए लूटने वाला बना या अल्लाह हमें मांगना सिखा दे हमें मांगना नहीं आता हमसे वह काम ले ले जो तुझे और तेरे प्यारे महबूब मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो ताला अलेही वाले वसल्लम को पसंद है हम बहुत गुनहगार हैं तुझसे ना मांगे तो और किससे मांगे हमें नमाजी बना पर एक बार बना और अपने महबूब का चाहने वाला बना और हम से हो काम ले ले जो तुझे तेरे प्यारे महबूब को पसंद हो
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