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Saturday, 22 December 2018

खाना खाने का सुन्नत तरीका और आदाब खाना खाने की दुआ 2018

खाना खाने का सुन्नत तरीका और आदाब खाना खाने की दुआ 2018


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खाना खाने का सुन्नत तरीका और आदाब खाना खाने की दुआ 2018
अस्सलाम वालेकुम रहमतुल्लाह बरकात आज हम खाना खाने की सुन्नत तरीका और आधा और खाना खाने की दुआ सीखेंगे तो चलिए शुरू करते हैं खाना खाने की सुन्नते और आदाब है जिसमें से कुछ यहां अर्थ कर रही हूं आप उन्हें पढ़ कर उसी तरीके से खाना खाएं और अपनी लाइफ में सुकून और जान पाए क्योंकि एक सुन्नत अदा करने पर 100 शहीदों का सवाब मिलता है नबी करीम सल्लल्लाहो ताला वसल्लम के तरीके को सुन्नत तरीका कहा जाता है हर मुसलमान को हमारे नबी करीम सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम की करना है और उसी को पर अमल करना कहते हैं तो चलिए हम लोग भी सीख लेते हैं नबी करीम सल्लल्लाहो ताला वसल्लम किस तरीके से खाना खाया करते थे और आप को कैसे खाना खाना पसंद है और क्या है खाने के बारे में।

खाना खाने की सुन्नते और आदाब

(1) Khana khane se pahle hamesha hath dhona chahiye (isse hatho ki gandagi nikal jayegi हमारे नबी ए करीम सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम हमेशा खाने से पहले कलाई तक हाथ धोया करते थे.

(2) Jab khana shuru kare to ‘Bismillah’ padhe, (warna aapka khana shaitan ke pet mein chala jayega और खाने से मिलने वाली सारी ताकत शैतान को मिल जाएगी आपका शैतान ताकतवर होगा और आप कमजोर ही रह जाएंगे तो हमेशा खाने से पहले बिस्मिल्लाह रहमान रहीम जरूर पढ़ लिया करें.

(3) Khana hamesha beth kar khaiye. (ye sunnat bhi hai aur sehat ke liye bhi accha hai) और आज साइंस ने भी इस बात को मान लिया है इसके बैठकर खाना खाना सेहत के लिए बेहतर से ज्यादा बेहतर है इससे सेहत अच्छी रहती है और यह सुन्नत भी है तो आज के बाद हमेशा खाना बैठकर ही खाएंगे.

(4) Khana sir dhak kar khaiye क्योंकि बिना सिर ढके खाने से शैतान हमारे सर पर सवार हो जाता है और हम अपने खाने की बरकत हो से महरूम रह जाते हैं सड़क कर खाना खाना नबी करीम सल्लल्लाहो ताला अलेही वाले वसल्लम की सुन्नत है इसलिए हमेशा सड़क पर ही खाना खाना चाहिए.

(6) Khana hamesha sidhe (right) hand se khaiye. क्योंकि उल्टे हाथ से शैतान खाता है और हमारे नबी करीम सल्लल्लाहो ताला अलेही वाले वसल्लम हमेशा सीधे हाथ से खाना खाते थे.

(7) Koshish kariye ki khana sidhi daadh (right side ke teeth) se chaba kar khaiye क्योंकि सीधे दार से खाना चबाना सुन्नत है.

(8) badi roti ko daant se kaat kar na khaiye balki usko taud kar, uske tukde ko khaiye. क्योंकि बड़े-बड़े टुकड़े खाना जानवरों का काम है इंसानों का नहीं इंसानों को हमेशा सुन्नत तरीके से और सलीके के साथ छोटे-छोटे निवाले बना कर खाना चाहिए.

(8) Khana utna hi lijiye jitna aap kha sakte ho, zyada khana lekar bekar na kare. क्योंकि दुनिया में बहुत से ऐसे लोग हैं जिन्हें खाना मयस्सर तक नहीं होता अगर हम खाना जाया करेंगे तो हम पर गुना पड़ेगा इसलिए हमेशा खाना थोड़ा थोड़ा कर कर ही लें जिससे खाना जाया ना हो पाए.

(9) Khana ukdu beth kar khana behtar hai यह साइंटिफिक रीजन से भी बेहतर है क्योंकि स्क्रु बैठने से पैर दबा रहता है और खाना खाते वक्त पेट बाहर नहीं निकलता इससे हम कम खाना खाते हैं जिससे हमारी सेहत अच्छी रहती है इसलिए खाना हमेशा ओक रू बैठकर ही खाना चाहिए या नबी करीम सल्लल्लाहो ताला अलेही वाले वसल्लम की सुन्नत भी है.
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(10) Khane ke shuru mein thoda paani pijiye aur beech mein paani pijiye, ye sehat ke liye bhi faidemand hai lekin aakhri mein paani mat pijiye, paani khane ke 1 ghanta baad pijiye. Jo khane ke foran baad paani pite hain unko aisa karne mein thodi takleef hogi lekin kuch dino baad aadat ho jayegi. इसे इस तरह समझिए खाने से पहले पानी पीना यानी सोना गोल्ड खाने के बीच में पानी पीना जैसे चांदी यानी सिल्वर और खाने के एंड में पानी पीना जैसे मिट्टी यानी क्ले यानी खाना भी हो जाता है और हमारे बदन को कुछ भी नहीं लगता ना ही उसकी ताकत इसलिए हमेशा खाने से पहले पानी पीने की कोशिश किया करें यह आपकी सेहत के लिए बेहद मुफीद होगा.

(11) Agar ek plate mein zyada log kha rahe hain to Apne saamne se khaiye, akele ho to kahi se bhi khaiye, lekni beech mein se kabhi mat khaiye, kyonki beech mein barkat utarti hai. और बीच में थे खाना खाने वाले की प्लेट में से बरकत चली जाती है हमेशा अपने आगे से ही खाने की कोशिश करें चाहे बीच में पॉटी वगैरह क्यों ना हो उसे ना उठाएं जब वह ख्वाब खाना खाते खाते खुद आपके सामने आए तो ही खाएं हमेशा आपके खान में बरकत बनी रहेगी इंशा अल्लाह.

(11) Agar kisi dusre ke saath beth kar kha rahe hain to usko akela chhod kar na uthe, balki jab tak wo na kha le aap bhi na uthe, agar kuch zaruri kaam ho to usse puchh kar uthe. इस तरीके से आप साथ में खाना खाने की सुन्नत को अदा कर पाएंगे क्योंकि नबी ए करीम सल्लल्लाहो ताला अलेही वाले वसल्लम अपने साथ में रहने वालों की भी सुन्नत को अदा किया करते थे और साथ में खाना खाने वाला आपसे हमेशा खुश रहेगा कभी नाराज ना होगा.

(12) Khane mein muh se awaz na nikle बल्कि खामोशी से और चबा चबाकर खाएं इस तरीके से खाए कि बाहर आवाज ना आए यह आवाज दूसरों के लिए परेशानी का सबब बन सकती है लॉगइन कर सकते हैं जो बिल्कुल भी अच्छा नहीं यह 1 तरीके का लोगों को इजर पहुंचाना है और लोग आपको बैड मैनर्स वाला समझेंगे इसलिए खाना हमेशा चबाकर और बहुत आराम से खाएं.

(13) Khana acche se chaba kar aur aaram se khaiye. Jisse hazam hone mein takleef na hogi. कम से कम 28 मर्तबा एक निवाले को चाहिए जिससे खाने का रेशा रेशा हो जाए और दातों का काम हाथों को ना करना पड़े और आपकी सेहत बनी रहे जब आप बिना चबाए खाना खा लेते हैं तो आपकी बातों पर जोर पड़ता है और आपके पेट में गड़बड़ी होने का खतरा बढ़ जाता है इसलिए खाना हमेशा चमाचम आकर ही खाइए.

(14) Khane mein duniya ki baat na kijiye aur na hi chup rahiye, balki Allah ka zikr karte hue khaiye. हरने वाले पर या वह जादू आवाज दो कह कर खाना खाइए इससे खाना आपके पेट में नूर बन कर उतरेगा इंशा अल्लाह.

(15) Khana hamesha bhuk se kam khaiye, khub pet bhar kar na khaiye, ye sehat ke liye nuksan dayak hai. खाने को तीन हिस्सों में बांट लीजिए एक हिस्सा पानी एक हिस्सा खाना और एक हिस्सा हवा इस तरीके से खाने से आपको कभी भी कोई भी तकलीफ नहीं होगी.

(16) Jab bhuk lage tabhi khaiye, bager bhuk ke na khaiye. क्योंकि वह बुक के खाने पर वह खाना आपको बेहद मोटा बना सकता है.

(17) Khana kha lene ke baad khane ke baad ki dua padhiye (jisme Allah ka shukr kiya jata hai)



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खाना खाने की दुआ


अल हम्दो लिल्लाहई अल लज़ी अत अमाना वा शाकाना 

वाजा अल ना मि नल मुस ले मी न।

(17) Khana khate time koshish kariye ki khana humse uchi jagah rakha ho, barabri mein rakha ho to bhi thik hai, humse neeche nahi hona chahiye. इसे हमेशा खाने की अस्मत का पता चलता है और हम खाने की इज्जत करते हैं

(18) Khana kha lene ke baad pahle khana uthaiye phir khud uthiye. यह बरकत की निशानियां है इन आदतों से घर में बरकत आती है

(19) Jo khane ke daane dastarkhwan ya tray mein gir gaye hain unko utha kar kha lijiye, kyonki jin daano mein barkat hoti hai shaitan unko neeche gira deta hai, lekin kisi dusre ke saamne ka na khaiye kyonki ho sakta hai usne kisi wajah se muh se nikal kar rakha ho. और दूसरों के मुंह का निकला हुआ कभी भी नहीं खाना चाहिए क्योंकि वह क्या पता जहां खाना जाकर बिकेगा वहां पर जो कीड़े मकोड़े हो उनके नसीब का खाना हो क्योंकि दाने-दाने पर लिखा है खाने वाले का नाम

(20) Dophar ke khane ke baad 15-20 minute sidhi karwat se soiye, isse sehat acchi rahti hai aur sunnat tarika bhi hai. Raat ke khane ke baad tahaliye, lekin zyada bhi na tahle. रात को टहलने से जो खाना है वह हद हो जाता है

(21) Raat ka khana kabhi na chhodiye, chahe thoda sa hi khaiye. Raat ka khana chhodne se kamzori/budhapa jaldi aata hai. चाहे तो रोटी का एक टुकड़ा ही खा ले या फिर 3 खजूर खा ले या कुछ छुआरे खाने पर रात का खाना जरूर खाएं यह सुन्नत है

(21) Khana kha lene ke baad agar khana ungli par chipka hai to usko muh se saaf kar lijiye. नबी करीम सल्लल्लाहो ताला अलेही वाले वसल्लम हमेशा यही अमल किया करते थे वह खाने का एक लकमा भी जाया नहीं होने देते थे
(22) Khana khane ke baad hath khane ke bartan mein mat dhoiye. हां मगर खाने के बर्तन में थोड़ा पानी डालकर वह पी लीजिए यह भी सुन्नत तरीका है

(22) Hazrat Muhammad (sallallahu alyhiwasallam) Ne Kabhi Bhi Khaane ki Burai Nahi ki, Pasand Aaya to kha liya warna nahi khaya lekin khane me eab bilakul nahi nikale.Hume bhi इस बात का ध्यान रखना चाहिए केक कभी भी खाने में अब ना निकाले और खामोशी से जैसा भी बना हो खा ले और अल्लाह का शुक्र अदा करें यही सुन्ननत ए नबवी है और हर मुसलमान को सुन्नत पर अमल करना जरूरी हैै यही एक मुसलमान के जीने का सहीी तरीका है

यह कुछ सुना तरीके हैं जिन पर अमल कर कर हम खाने की सुन्नत व पर अमल कर पाएंगे अगर आपको यह आर्टिकल पसंद आए तो प्लीज ब्लॉक को लाइक शेयर एंड सब्सक्राइब कीजिए और मेरी यूट्यूब वीडियोस आपको पसंद आए तो प्लीज मेरे चालन को सब्सक्राइब कीजिए इस्लामिक नीलोफर के जाने से शुक्रिया अल्लाह हाफिज दुआ में याद रखिएगा।



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